शिक्षा के नाम पर धन उगाई का कार्य कर रहा जे एस ग्रुप आफ फार्मेसी कॉलेज, कई छात्रों को नहीं दे रहा प्रवेश पत्र

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– फीस पूरी जमा न होने पर नहीं दे रहे छात्रों को प्रवेश पत्र
– कई छात्रों की छूट जाती है परिक्षा
– शिक्षा नहीं रूपया लेकर डिग्री दिलाने का काम करते हैं शिक्षा माफिया
फर्रुखाबाद :- फर्रूखाबाद – बेवर रोड ढिलावल पर स्थित जे एस ग्रुप ऑफ फार्मेसी कालेज है जिसके अध्यक्ष डॉक्टर शैलेंद्र सिंह यादव को जनपद फर्रुखाबाद में नकल माफिया के नाम से प्रख्यात है। नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि उनके यहां डिग्रियां तो हैं लेकिन उनकी बिल्डिंग जमीन पर है ही नहीं काफी कोर्स तो बिना बिल्डिंग बिना टीचर सुचारू रूप से चल रहे हैं। शासन – प्रशासन में अच्छी साठ गांठ व रुपए के दम पर वह सब बिना डरे धड़ल्ले से शिक्षा का कारोबार चला रहे हैं । इनका फार्मेसी कॉलेज नवाबगंज में है लेकिन उसे फर्रुखाबाद स्थित जेस ग्रुप में चलाया जाता है। यहां स्टूडेंट के लिए ना तो बैठने की व्यवस्था है और ना ही टीचर्स पर्याप्त हैं आधिकांश क्लासेस खाली जाती है । नाम न छापने के आश्वासन पर छात्र-छात्राओं से पूछने पर उन्होंने बताया कि जब क्लास खाली जाने की शिकायत डायरेक्टर प्रवीण गुप्ता से करने जाते हैं तो वह डांट कर भगा देते हैं और कहते हैं क्या तुम्हें पता नहीं था यहां क्लासेस नहीं चलती हैं। जे एस ग्रुप में कुल एक लैब है उसी में क्लास भी चलती है और इस एक लैब में प्रैक्टिकल भी कराए जाने का दिखावा किया जाता है। फार्मेसी के सभी कॉलेज नवाबगंज में हैं जहां पर कोई क्लास नहीं कराई जाती है। वहां सभी कॉलेज बंद पड़े हैं। छात्रों ने बताया कि कुछ टीचर्स का छात्राओं के साथ व्यवहार अच्छा नहीं है । हम छात्र ऐसे टीचर्स का विरोध करेंगे तो हम छात्रों को फेल कर देंगे इसी डर से उन टीचर से कोई कुछ कहता नहीं है। पूरा कॉलेज भगवान भरोसे चल रहा है यहां शिक्षा लेने वाले कैसे अध्ययन करते हैं यह तो वही जानते हैं।कॉलेज में अच्छे टीचर्स की भारी कमी है जो फार्मेसी कॉलेज नवाबगंज में संचालन हेतु मौजूद है। लेकिन काफी समय से नवाबगंज में संचालित नहीं हो रहे हैं फार्मेसी कॉलेज में 7 से 8 ही टीचर्स हैं और डी फार्मा और बी फार्मा के कॉलेज 5 से 6 हैं कितने टीचर्स पढ़ाने
के लिए पर्याप्त नहीं है छात्रों ने बताया कि हम तो इस कॉलेज में एडमिशन लेकर फस गए हैं अगर कॉलेज मेरी फीस वापस कर दे तो हम अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेकर अपना भविष्य उज्जवल कर सकेंगे । छात्रों ने बताया कि यहां जो एडमिशन टाइम बताया गया था वह कुछ भी नहीं है। यहां पढ़ने की कोई सुविधा नहीं है डी फार्मा और बी फार्मा में दाखिला लिए हुए छात्र-छात्राओं का आरोप है ना ही मेडिकल कॉलेज में कोई लैब टेक्नीशियन है ना ही कोई केमिकल है यहां तक की कोई छात्र इसका विरोध करता है तो कॉलेज के अध्यक्ष डॉक्टर शैलेंद्र सिंह यादव अपने चमचों से कहकर उनकी धुलाई तक करा देते हैं। इसीलिए कॉलेज के छात्र-छात्रा खुलकर प्रशासन के सामने आने को डरते हैं । 22 जून को डी फार्मा की परीक्षा है लेकीन कालेज प्रशासन पूरी फीस जमा किए बिना प्रवेश पत्र नहीं दे रहा है। छात्र -छात्राओं ने जिलाधिकारी डा वीके सिंह से मांग की है की उन्हें प्रवेश पत्र दिलाया जाए जिससे वह परीक्षा दे सके और उनका भविष्य खराब न हो। उनके पास जो फीस हो सकती है वह अभी जमा कर देंगे शेष फीस मार्कशीट लेते समय जमा कर देंगे। यदि उन्हें प्रवेश पत्र नहीं मिलता है तो उनकी पूरी साल खराब हो जाएगी और उनके अभिभावक की मेहनत की कमाई भी!

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