एक ही चिता पर दोनों सहेलियों का किया गया दाह संस्कार

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
|
कायमगंज / फर्रुखाबाद :- सोमवार की रात श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिर दर्शन को निकली दो सहेलियों के शव घर से कुछ दूरी पर स्थित आम के बाग में एक पेड़ पर दुपट्टे से लटके हुए मिले। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवो को उतारकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था ।

दो लड़कियों की मौत पर क्षेत्र में सनसनी फैल गई। लड़कियों के पिता शुरू से हत्या का आरोप लगा रहे थे। मंगलवार की देर शाम पोस्टमार्टम के बाद परिजन लड़कियों के शवों को लेकर गांव आ गए। जिन्हें देखने के लिए देर रात तक ग्रामीण आते रहे। वही पूरी रात जिला प्रशासन गांव में सुरक्षा की दृष्टि से मुस्तैद रहा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवतियों के शरीर पर कोई भी चोट के निशान न होने की बात से परिवार वालों में आक्रोश फैल गया वह सुबह री पोस्टमार्टम की बात कहने लगे अधिकारियों के समझाने पर वह लोग दाह संस्कार के लिए तैयार हुए और शबों को लेकर अटेना गंगा घाट पर पहुंचे।

अटेना पुख्ता उसावा घाट पर एक ही चिता पर दाह संस्कार के लिए लड़कियों को लिटाया गया। उसी समय शशि के पिता ने हंगामा काटना शुरु कर दिया उन्होंने कहा कि प्रशासन इतनी जल्दी में है कि वह उन्हें गांव में ही छोड़कर अपने वाहन से शबों को लेकर गंगा घाट पर आ गए। उनका आरोप था कि प्रशासन ने यह तो पता लगा लिया कि मेरी बच्चियों ने खुदकुशी की है लेकिन क्यों की है इसका पता नहीं लगा पाए वह अपनी समस्या काटने के लिए जबरिया दाह संस्कार करवा रहे हैं। हमें पता है कि आगे कुछ नहीं होगा। प्रशासन के लाख समझाने के बाद उन्होंने जिलाधिकारी वीके सिंह से फोन पर बात कर उन्हें गंगा घाट पर आकर सभी के सामने आश्वासन देने की बात कहीं।

जिलाधिकारी उनकी अपील पर गंगा घाट पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि आप जिस आधार पर तहरीर देंगे उन आधार पर जांच होगी यह हम आपको आश्वासन देते हैं हम सभी बिंदुओं की जांच कर रहे हैं आपकी बेटियों का पैनल में पोस्टमार्टम कराया गया है। जिसकी वीडियो ग्राफी व स्लाइड सभी सुरक्षित है। डीएम वी के सिंह के आश्वासन बाद दोनों लड़कियों की एक ही चिता पर दोनों के भाई विनय व अंकित ने एक साथ चिता में आग लगाई।
हमें शवो को पीएम हाउस तक में नहीं देखने दिया
शशि के पिता महेंद्र उर्फ पप्पू ने दाह संस्कार से पूर्व गंगा घाट अटेना पर दाग लगाने से इनकार कर दिया। जब उन्हें प्रशासन समझने लगा तो उन्होंने कहा कि आप लोग जबरिया आग लग रहे हैं पीएम रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि

लड़की के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं है तो मेरी बेटियों के शरीर पर जो बेल के कांटे लगे हैं पीठ पर बेल्टों के निशान है वह कहां से आए। यहां के प्रशासन ने तो पेड़ों से शव उतार कर पीएम हाउस तक भिजवा दिया वहां भी मुझे अपनी बेटियों का चेहरा नहीं देखने दिया गया। जब लड़कियों के शव लेकर घर आ गए और पीएम रिपोर्ट की जानकारी हुई शरीर पर चोट के निशान नहीं है तो हमने देखा बेल्ट से मारपीट के निशान हैं। बेल के कांटे लगे हैं। आप लोगो की समस्या दाह संस्कार के साथ ही खत्म हो जाएगी।
आत्महत्या नहीं मेरी बेटियों की हत्या हुईं हैं
अटैना गंगा घाट पर शशी के पिता महेंद्र उर्फ पप्पू ने कहा कि आप लोग दाह संस्कार के लिए इतनी जल्दी क्यों कर रहे हैं हमें छोड़कर बेटियों का शव लेकर आप चले आए क्या मैं बेटी का कुछ नहीं मेरे पास तो मेरी बेटी के अलावा अब कोई और है ही नहीं। आप लोग उसे खुदकुशी का नाम देकर दाह संस्कार के बाद अपनी समस्या से निपटारा पा लेंगे। लेकिन मैं कह रहा हूं कि मेरी बेटी की आत्महत्या नहीं है उसकी हत्या की गई है मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है ना ही किसी से मेरा व्यवहार खराब है मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी की मौत का खुलासा सही हो जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
दाह संस्कार के समय पूरा प्रशासन रहा मुस्तैद
दोहरी हत्या की खबर पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की संवेदना के बाद प्रशासन एकदम अलर्ट हो गया डीआईजी जोगेंद्र कुमार ने घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया जैसे ही शव पोस्टमार्टम के बाद गांव भगौतीपुर पहुंचे पूरा प्रशासन वहां पहुंच गया रात भर प्रशासन गश्त करता रहा की कोई भी राजनीतिक दल कोई माहौल खराब कर दे। पूरे जिले का पुलिस प्रशासन सरकार के समय तक गांव से लेकर घाट तक मौजूद रहा वही सादा वर्दी में भी प्रशासन अपनी नजरे बनाए रहा।

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
