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हाथरस में दर्दनाक हादसा… 7 की मौत: अपनों को तलाश में भटकते रहे लोग

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हाथरस :-  मथुरा-बरेली हाईवे पर गांव जैतपुर के पास तेज रफ्तार पर एक गड्ढे को बचाने की कोशिश में टाटा मैजिक वाहन केंटर से जा टकराया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों वाहन सड़क किनारे जाकर पलट गए। हादसे में साढ़े तीन माह के मासूम व तीन महिलाओं सहित सात लोगों की मौत हो गई। तीन एक ही परिवार के थे। छह हाथरस के और एक मृतक एटा का रहने वाला है। करीब 14 लोग घायल हुए हैं।
हादसे की सूचना पर मैजिक सवारों के परिजन जिला अस्पताल पहुंच गए। नम आंखों से वह बदहवास हालत में इधर से उधर दौड़ रहे, इमरजेंसी में अपने परिजनों को आवाज दे रहे थे। महिलाएं अपनों के शवों को देख पछाड़ खाकर गिर रही थी।

बागला जिला अस्प्ताल की इमरजेंसी में घायलों के पहुंचते ही चिकित्सकों की टीम ने उपचार शुरू किया। डीएम-एसपी ने भी जिला अस्पताल पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया। इस हादसे के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हर कोई अपनों की तलाश में जिला अस्पताल की ओर दौड़ पड़ा। इमरजेंसी के दरवाजे से ही अपनों के नामों को पुकारते हुए लोग आ रहे थे।
गंभीर रूप से घायल को देख परिजन रो रो रहे थे। यहां तक कि हर कोई बस यह जानने को उत्सुक नजर आ रहा था कि उनके परिवार के सदस्य की हालत कैसी है। हादसे की खबर मिलते ही सीएमओ डा. मंजीत सिंह और सीएमएस डा. सूर्य प्रकाश के निर्देश पर जिला अस्पताल में डाक्टरों की तीन सदस्यीय टीम पहुंच गई। डाक्टरों और पैरामेडीकल स्टाफ ने घायलों का उपचार करना शुरू किया।

संसाधन व स्टाफ की कमी से इलाज के लिए तरसे घायल 
मथुरा-बरेली राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए हादसे ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की कलई खोलकर रख दी है। हादसे के बाद ज्यादातर घायलों को निजी वाहनों से पहुंचाने के बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंच सकी। घायलों और मृतकों के शवों को एंबुलेंस से न लाकर निजी लोडर वाहनों से लाया गया। ग्रामीणों का कहना था कि ज्यादातर घायलों के जाने के बाद एंबुलेंस हादसा स्थल पर पहुंच सकी। वहीं जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी संसाधन व स्टाफ की कमी हावी रही।

जिले में पिछले करीब छह माह में कई बड़े हादसे हो चुके हैं। पहला हादसा 2 जुलाई को सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान हुआ था। यहां भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हुई थी। इस दौरान सिकंदराराऊ में बने ट्रॉमा सेंटर में सभी सेवाओं के ठप मिली थीं। इसके बाद सात सितंबर को चंदपा के निकट मैक्स व रोडवेज बस की भिड़ंत में 17 लोगों की मौत हुई थी। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मी ऑक्सीजन को तलाशते नजर आए थे। इनके अलावा कई अन्य हादसों में भी स्वास्थ्य सेवाएं लचर दिखीं। लगातार हादसों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।जिला अस्पताल लाने से पहले अगर घायलों को सिकंदराराऊ ले जाया जाता तो शायद कुछ की जान बच जाती। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने निजी वाहनों की मदद से किसी तरह घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा। इस दौरान अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। काफी देर बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वहां पहुंचे। साथ ही स्वास्थ्य कर्मचारी भी नदारद दिखे। अस्पताल के बाहर चाय की दुकान वाले और अन्य लोगों ने घायलों काे मैक्स, एंबुलेंस और अन्य वाहनों से बाहर निकला और उन्हें इमरजेंसी पहुंचाया।

उप परिवहन आयुक्त आगरा और एआरटीओ हाथरस की रिपोर्ट में विरोधाभास, हादसे के पीछे बताई अलग-अलग वजह
सात लोगों की मौत के बाद हादसे की वजह जानने के लिए हाथरस से एआरटीओ और आगरा से उप परिवहन आयुक्त टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जांच के बाद उप परिवहन आयुक्त ने हादसे के लिए दोनों वाहनों की तेज रफ्तार, सड़क के गड्ढे को और एआरटीओ ने कैंटर चालक के गलत तरीके से ओवरटेक करने को हादसे की वजह बताया है।उप परिवहन आयुक्त आगरा मयंक ज्योति ने बताया कि हादसे की प्रमुख वजह दोनों वाहनों की तेज रफ्तार रही है। पूर्व में भी छह सितंबर को जो हादसा हुआ था, उसमें भी यही वजह सामने आई थी। इसके अलावा दूसरा कारण वहां एनएचआईए वहां फोर लेन सड़क बनवा रहा है। घटनास्थल के आसपास सड़क ऊंची नीची है और गड्ढे भी हैं। यह भी एक वजह है।

उधर, एआरटीओ हाथरस लक्ष्मण प्रसाद ने हादसे के पीछे कैंटर चालक के गलत तरीके से ओवरटेक करने के वजह बताया है। उन्होंने बताया कि सिकन्दराराऊ की ओर से आ रहे कैंटर ने किसी वाहन को तेज गति से आवेरटेक किया और सामने से आ रहे मैजिक को टक्कर मार दी। एआरटीओ का कहना है कि दोनों ही वाहनों की फिटनेस, बीमा, परमिट, प्रदूषण आदि सभी दस्तावेज पूर्ण पाए गए हैं। टाटा मैजिक एटा एआरटीओ कार्यालय में किशन पाल पुत्र सौदान सिंह, निवासी गांव रेवाड़ी सकीट जनपद एटा के नाम पंजीकृत है। कैंटर नागालैंड में कोहिमा जनपद में पंजीकृत है। इसके मालिक परवीन पुत्र शमशेर सिंह, निवासी फोरेस्ट कालोनी कोहिमा सदर जनपद कोहिमा नागालैंड है।

सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी उठा था गड्ढों का मुद्दा
पिछले दिनों मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मथुरा-बरेली फोरलेन हाईवे के निर्माण का मुद्दा उठा था। इसमें कहा गया था कि सड़क कहीं समतल है तो कहीं गड्ढे हैं। जहां सड़क बन चुकी है, वहां वाहन चालक तेज रफ्तार पर चलाते हैं, लेकिन अचानक गड्ढा सामने आकर हादसे की वजह बन जाता है। तब मंडलायुक्त ने एएचएआई अधिकारियों की शीघ्रता के साथ निर्माण पूरा करने के लिए कहा था।

कैंटर से भिड़ा मैजिक वाहन, मासूम व तीन महिलाओं सहित सात की मौत
बता दें कि टाटा मैजिक मंगलवार दोपहर करीब एक बजे शहर के तालाब चौराहे से सवारियां भरकर सिकंदराराऊ के लिए रवाना हुआ था। आठ सवारियों की क्षमता वाले इस वाहन में 22 सवारियां थीं। इस दौरान थाना जंक्शन क्षेत्र में गांव जैतपुर के पास सामने से आए केंटर से मैजिक टकरा गया। दोनों वाहन सड़क किनारे खाई में जाकर पलट गए। मैजिक वाहन के परखच्चे उड़ गए। मौके पर चीख पुकार मच गई। स्थानीय लोगों क्षतिग्रस्त मैजिक वाहन में फंसे लोगों और मृतकों को बाहर निकाला व पुलिस को सूचना दी। पुलिस और स्थानीय लोगों ने निजी वाहनों की मदद से घायलों को बागला जिला अस्पताल पहुंचाया।

डीएम राहुल पांडेय ने बताया कि सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें तीन महिलाएं, एक बच्चा और तीन पुरुष शामिल हैं। मृतकों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। गंभीर रूप से घायल सात लोगों को रेफर कर दिया गया है। सात का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। मैजिक में सवार लोग सिकंदराराऊ और एटा जा रहे थे और इसमें गांव कुम्हरई थाना चंदपा निवासी गुड्डू के परिवार के 11 लोग सवार थे। ये एटा के गांव नगला इमलिया में कैंसर पीड़ित गुड्डू के ससुर को देखने के लिए जा रहे थे। हादसे में गुड्डू की पत्नी पुष्पा (25), भतीजे ईशु (साढ़े तीन माह) पुत्र जगदीश उर्फ भोला और परिवार की महिला प्रेमा देवी (60) पत्नी गरीबदास की मौत हो गई। अन्य मृतकों में नीलम देवी (50) पत्नी वेद प्रकाश रावत निवासी नगला ओझा हाल निवासी आवास विकास कॉलोनी, मनवीर (50) पुत्र सुनहरी लाल निवासी रतिभानपुर और किशनपाल (38) पुत्र सौदान सिंह निवासी गांव रेवाड़ी थाना सकीट जिला एटा शामिल हैं। किशनपाल ही वाहन का मालिक है। एक रामनिवास सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव सराय का रहने वाला है।

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