व्यवसायिकता के दौर में भी पत्रकार अपने मिशन के प्रति समर्पित

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कायमगंज / फर्रूखाबाद :- हिंदी पत्रकारिता दिवस पर साहित्यिक संस्था साधना निकुंज द्वारा आयोजित परिचर्चा मे प्रो. राम बाबू मिश्र रत्नेश ने कहा कि 30 मई 1826 को हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र उदन्त मार्तण्ड का प्रकाशन हुआ था । इस दिन को हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप मे मनाया जाता है । प्रो.मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता तलवार कि धार पर चलने जैसा साहसिक मिशन है । जनतंत्र के लिए पत्रकारिता संजीवनी जैसी है । व्यवसायिकता के इस दौर मे भी पत्रकार अपने मिशन के प्रति समर्पित रहता है l हंसा मिश्रा ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रायः फेक, भ्रामक व गैर जिम्मेदाराना समाचार प्रसारित होते रहते हैं । इसलिए पाठक प्रिंट मीडिया पर अधिक विश्वास करते हैं ।
पूर्व प्रधानाचार्य अहिवरन सिंह गौर, शिव कुमार दुबे प्रधानाचार्य शिवकांत शुक्ला ने संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के विवेकपूर्ण प्रयोग पर बाल दिया । जनतंत्र मे विपक्ष कि बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है । अस्तु उसके वक्तव्य भी निर्भीक होने के साथ जिम्मेदारी पूर्ण होने चाहिए । कहने या लिखने का अधिकार निर्बाध नहीं है ।

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