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कृष्ण के वेश में कासिम, मंदिर में पूजा-पाठ कराता रहा मौलवी का बेटा, महिलाओं को बताता था भविष्य

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मेरठ :- उत्तर प्रदेश के मेरठ के दादरी गांव स्थित एक शिव मंदिर में पिछले एक साल से पूजा-पाठ और ज्योतिष का कार्य करने वाले शख्स की असलियत सामने आने के बाद गांव में सनसनी फैल गई।जिसने खुद को ‘कृष्ण’ बताया था, वह वास्तव में बिहार का रहने वाला मोहम्मद कासिम निकला, जिसके पिता मोहम्मद अब्बास सीतामढ़ी के कोली रायपुर गांव में मौलवी हैं। यह खुलासा उस वक्त हुआ, जब कुछ ग्रामीणों ने उसकी गतिविधियों पर शक जताया और उससे आधार कार्ड दिखाने की मांग की। दस्तावेज न दिखा पाने पर जब पुलिस को बुलाया गया तो सच्चाई सामने आई।

20 साल से साधु के वेश में, नाम बदला और धर्म परिवर्तन का दावा
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह करीब 20 साल पहले उत्तर प्रदेश आया था। पहले दिल्ली के कुछ मंदिरों में रहा और वहीं रहकर पूजा-पाठ व संस्कृत श्लोक सीखे। उसने अपने हाथ पर ‘कृष्ण’ नाम खुदवाया और अपना नाम कृष्ण तथा पिता का नाम संतोष बताकर मंदिरों में जगह बनाई। कासिम का कहना है कि उसने हिंदू धर्म अपना लिया है और वर्षों से साधु-संतों के बीच रहकर धर्मकर्म सीखता रहा है। दादरी के इस मंदिर में वह पिछले एक साल से बतौर पुजारी पूजा-पाठ करा रहा था।

भीड़ ने बंधक बनाकर की पिटाई, पुलिस ने बचाया
जब ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने उससे दस्तावेज मांगे, तो वह टालमटोल करने लगा। इस पर कुछ लोगों ने उसे बंधक बना लिया और मारपीट की। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और कासिम को हिरासत में लेकर थाने ले गई। इंस्पेक्टर दौराला सुमन कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी कासिम पुत्र मोहम्मद अब्बास, ग्राम कोली रायपुर, जिला सीतामढ़ी, बिहार का निवासी है। फिलहाल आरोपी का सत्यापन कराया जा रहा है और बिहार पुलिस को भी सूचित किया गया है। आधार कार्ड ना होने के चलते उसकी पहचान फिंगरप्रिंट से कराई जाएगी।

भीड़-भाड़ बनी रहती थी मंदिर में: सिर्फ महिलाओं का ही देखता था हाथ
गांव वालों के अनुसार, कासिम मंदिर में पूजा-पाठ के साथ ज्योतिषी की तरह हाथ देखकर भविष्य बताने का दावा करता था। खास बात यह थी कि वह सिर्फ महिलाओं के ही हाथ देखता था। इससे मंदिर में महिलाओं की संख्या और आवाजाही काफी बढ़ गई थी। यही वजह रही कि वह इतने लंबे समय तक किसी के संदेह में नहीं आया।कुछ ग्रामीणों ने जब इसका विरोध किया और दस्तावेज मांगे, तभी पूरी कहानी सामने आई।

फिल्मी पटकथा जैसी कहानी,’जॉली एलएलबी’ के किरदार से समानता
इस पूरे मामले में दिलचस्प बात यह है कि इसकी कहानी काफी हद तक फिल्म जॉली एलएलबी के आतंकी किरदार ‘मोहम्मद इकबाल कादरी’ से मिलती-जुलती है। फिल्म में आतंकी रामकृष्ण सारस्वत बनकर मथुरा के मंदिर में छिपा होता है और कोर्ट में भी मंत्रोच्चारण कर लोगों को भ्रमित करता है। ठीक उसी तरह कासिम भी धर्मग्रंथों और श्लोकों का उच्चारण कर ग्रामीणों को प्रभावित करता था। वह व्रत-त्योहार की तिथियां भी सही-सही बताता था, जिससे किसी को उस पर शक नहीं हुआ।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच में जुटी खुफिया टीम
फिलहाल आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस द्वारा उसका विस्तृत सत्यापन किया जा रहा है और खुफिया एजेंसियां भी इस मामले में पूछताछ कर रही हैं। पुलिस की मानें तो अगर पहले ही दस्तावेजों की जांच की जाती तो यह भंडाफोड़ बहुत पहले हो सकता था। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इसके पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं है, या फिर यह धार्मिक रूपांतरण से जुड़ा एक व्यक्तिगत मामला है।

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