निर्माणाधीन हॉस्पिटल में मरीज की मौत का आरोप लगा, परिजनों ने काटा हंगामा

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– पुरानी गल्ला मंडी स्थित डॉ प्रमोद गुप्ता के निर्माणाधीन हॉस्पिटल का है मामला
– परिजनों ने कहा अस्पताल में हुई मौत बताने के जगह किया रेफर
– परिजनों ने डॉ प्रमोद गुप्ता पर लगाया उपचार में लापरवाही का आरोप, नहीं दिया दवा का पर्चा
कायमगंज / फर्रूखाबाद :- निर्माणाधीन अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो जाने पर चिकित्सक ने उसे रेफर कर दिया। सीएचसी पहुंचने पर चिकित्सक ने मरीज को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने शव को घर लेकर पहुंचे और एकत्र होकर चिकित्सक के हॉस्पिटल में जमकर हंगामा काटा। सूचना पर पुलिस व सीएचसी टीम मौके पर पहुंची।
नगर के मोहल्ला जटवारा हाल निवासी प्रयागदास (55) पुत्र सीताराम की तबियत खराब होने पर परिजन उसे उपचार के लिए पुरानी गल्ला मंडी स्थित डॉ. प्रमोद के निर्माणाधीन अस्पताल में लेकर पहुंचे। परिजनों ने बताया कि चिकित्सक ने खून की जांच एक पैथालॉजी से कराई। उसके बाद मरीज को मलेरिया होने पर भी ग्लूकोज की बोतल व इंजेक्शन आदि लगा दिए। जिससे प्रयागदास की मौत हो गई। चिकित्सक ने हालत गम्भीर बताकर किसी अन्य चिकित्सक को दिखाने की सलाह दे दी। मरीज की गम्भीर हालत समझ उसे सीएचसी लेकर पहुंचे जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत की सूचना पर परिवार वालों में कोहराम मच गया। वह शव को घर पर रख कर एकत्र हो डॉ प्रमोद गुप्ता के हॉस्पिटल पहुंचे और हंगामा काटना शुरू कर दिया।ब
खतरा देख चिकित्सक मौक पाकर भाग गए। परिजन विपिन, सचिन आदि का आरोप था जब डॉक्टर से आकर उनके द्वारा दी गई दवा की डोज आदि का पर्चा मांगा आकर तो उन्हें इधर उधर टरकाया गया। डाक्टर के द्वारा जेनरिक दवा देने व मलेरिया में बोतल चढ़ाने से मरीज की मौत का आरोप लगाया। उनका कहना था कि डॉक्टर के यहाँ अप्रशिक्षित स्टॉफ है। और वह उनके खिलाफ कार्यवाही चाहते हैं। परिवारवालों ने घटना की सूचना डायल 112 पुलिस को दी। जिसके बाद कस्बा चौकी प्रभारी नागेन्द्र कुमार व मंडी चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और भीड़ को समझाने का प्रयास किया। जानकारी होने पर सीएचसी से डॉ शोभित, विपिन कुमार व अमरेश कुमार मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी कर डॉ प्रमोद से वार्ता कर मामले की जानकारी की साथ ही हॉस्पिटल से सम्बंधित अभिलेख भी दिखाने की बात कहीं।
समाचार लिखे जाने तक कुछ लोग डॉ प्रमोद गुप्ता व मृतक प्रयागदास के परिवार वालों के बीच मध्यस्थता कर समझौता कराने का प्रयास कर रहे थे। तथा पुलिस द्वारा कोई विधिक कार्यवाही नहीं की गई थी।

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